Photographs: iStock and Nisha Nair-Gupta
स्वादिष्ट खाना और एक खूबसूरत किचन, किसी भी मकान को घर में बदल देते हैं। किचन एक वर्कशॉप की तरह होता है, जो परिवार के सदस्यों को स्वादिष्ट भोजन के जरिए आपस में जोड़ने का काम करता है। आर्किटेक्ट निशा नायर-गुप्ता अलग-अलग तरह की किचन एक्टिविटी और उससे जुड़ी भारतीय परिवेश में मानवीय संवेदनाओं के साथ संबंधों को ध्यान में रखकर जरूरी बातें बता रही हैं...
1. एक मॉडर्न किचन डिजाइनिंग का मुख्य सिद्धांत है कि उसे घर के दूसरे हिस्सों के साथ खुला रखा जाए। इसके लिए दीवारों को कम किया जाए और बड़ी व चौड़ी खिड़कियों का उपयोग किया जाए। इसके साथ ही लाइटिंग और ताजी हवा की व्यवस्था से पूरे इंटीरियर को समृद्ध बनाया जाए। इस तरह से किचन स्पेस का घर के बाकी हिस्सों के साथ तो जुड़ाव बढ़ता ही है, किचन में काम करने वाली महिलाओं की सहभागिता भी बढ़ती है और लैंगिक भेदभाव घटता है।
2. किचन से लगा हुआ एक छोटा सा यूटिलिटी एरिया बनाने से खासतौर पर इंडियन कुकिंग के दौरान होने वाले चीजों के फैलाव से बचा जा सकता है। इसमें सर्विस एंट्री या स्टाफ क्वॉर्टर से सीधे पहुंच होना चाहिए।
बड़े किचन में आयलैंड काउंटर अच्छा रहेगा। कभी ये सर्विंग स्पेस की तरह काम करेगा, तो कभी ब्रेकफास्ट टेबल की तरह।
3. यू शेप या एल शेप के काउंटर ले-आउट ज्यादा स्टोरेज की डिमांड वाले पारंपरिक किचन के लिए परंपरागत रूप से बनाए जाते हैं। ऊपर बार काउंटर की तरह आगे निकला हुआ एक आयलैंड काउंटर किचन, इंटीरियर में काफी खूबसूरत लुक देता है। इसका उपयोग पार्टीज में सर्विंग एरिया की तरह तो किया ही जा सकती है, रोजाना में ब्रेकफास्ट टेबल की तरह उपयोग होता रहेगा।
एक मॉडर्न किचन घर के दूसरे हिस्सों से भी खुली बड़ी खिड़कियों के जरिए जुड़ा होता है। इससे बेहतर वेंटिलेशन और रोशनी तो मिलती ही है, ये ब़ड़े लिविंग स्पेस का हिस्सा भी बन जाता है।
4. कुकिंग रेंज, रेफ्रिजरेटर, सिंक और ड्रेन के अलावा मिक्सिंग और सर्विंग काउंटर्स मिलकर एक कम्प्लीट किचन बनाते हैं। अलग स्टैंडिंग एक्टिविटी काउंटर्स 10 फीट से ज्यादा दूर नहीं होना चाहिए।
5. मॉडर्न किचन में कलर्स से ज्यादा टैक्सचर पर जोर दिया जाता है। सिंथेटिक मार्बल्स के जरिए किचन में कलर्स और फिनिश की ढेरों वैरायटी उपलब्ध हैं। पेस्टल शेड्स भी मॉडर्न किचन का हिस्सा हैं। इसमें ऑलिव ग्रीन, ऑरेंज और रेड कलर्स शामिल हैं, जिनमें प्रिंटेड टाइल्स भी मिलते हैं। इन्हें परंपरागत रूप से लगाए जाने वाले ब्लैक काउंटर टॉप्स की जगह यूज किया जा सकता है।
6. काउंटर टॉप के चारों तरफ और ऊपर लाइटिंग के साथ-साथ स्टोरेज एरिया में कंसील्ड लाइटिंग से किचन एक खूबसूरत प्लेफुल वर्कशॉप में बदल जाता है। उदाहरण के लिए ओवरहेड स्टोरेज में फ्रॉस्टेड ग्लास शटर्स लगाकर उनके अंदर लाइटिंग करने से रात में ये बेहद शाइनिंग और खूबसूरत नजर आते हैं।
7. ये गलत धारणा है कि छोटे किचन में खाना पकाने में कम समय लगता है, बल्कि सच तो ये है कि छोटे काउंटर्स और कम स्टोरेज एरिया के कारण एक्टिविटी के लिए कम जगह मिल पाती है।
नोट :
बेहतर है कि एक स्मार्ट किचन बनाने के लिए किसी प्रोफेशनल की मदद ली जाए। एक आर्किटेक्ट या मॉड्यूलर किचन प्रोफेशनल आपको अपडेटेड किचन टेक्नॉलाजी के जरिए बेहतर तरीके से गाइड कर सकता है।